मुंबई: बचपन से म्यूजिक में रुचि रखने वाले बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार-गायक शंकर महादेवन का आज 52वां जन्मदिन है. शंकर महादेवन जितना अच्छा म्यूज़िक देते हैं उससे बेहतरीन गाते भी हैं. बॉलीवुड में शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी अपने संगीत के लिए काफी मशहूर है. इस तिकड़ी का एक अहम हिस्सा शंकर महादेवन भी है. शंकर वैसे तो कंप्यूटर साइंस और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में ग्रेजुऐट हैं, लेकिन संगीत उनके लिए इतना प्रिय था कि उन्होंने इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने के बजाए संगीत को चुना.
शंकर महादेवन बॉलीवुड ही नहीं तमिल फिल्मों के लिए संगीत और सिंगिग कर चुके हैं. अपनी मधुर आवाज और बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन के लिए शंकर को चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा भी वे अपने संगीत और गायिकी के लिए कई अवॉर्ड्स जीत चुके हैं. एक म्यूजिक कंपोज़र के तौर पर वे करीब 70-80 फिल्मों में म्यूजिक दे चुके हैं.
वो गाना जिसने शंकर को रातों-रात बनाया सुपरस्टार
शंकर महादेवन प्रतिभा के धनी है. वे हर जौनर के गाने गा सकते हैं. 90 के दशक में बॉम्बे वाइकिंग्स, कुणाल गांजावाला, अलीशा चिनॉय, शान और शंकर-एहसान-लॉय के गानों को लोग बहुत पसंद करते थे. उस समय शंकर अपनी तिकड़ी के साथ ही परफोर्म करते थे, लेकिन 1998 में उन्होंने अपने ब्रेथलेस गाने से इंडस्ट्री में बेहतरीन सिंगर के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई. ‘ब्रेथलेस’ 3 मिनट का गाना है, जिसे शंकर ने एक ही सांस में ऐसा गाया कि यह गाना उनकी पहचान बन गया. इस गाने ने शंकर को रातों-रात सुपरस्टार बनाया. इसके बाद शंकर को इंडस्ट्री से कई बड़े ऑफर मिले और उन्होंने फिल्मी जगत को बहुत से हिट गाने दिए, जिनमें ‘तारे जमीन पर’ का टाइटल सॉन्ग और ‘मां’, ‘दिल चाहता है’ का टाइटल सॉन्ग, ‘बंटी-बबली’ का ‘कजरारे’, ‘राज़ी’ का ‘दिलबरो’ जैसे कई गाने शामिल हैं.
अभिनय में आजमाया हाथ
शायद यह बात कम लोग ही जानते हैं कि शंकर महादेवन अभिनय में भी अपना हाथ आज़मा चुके हैं. उन्होंने सबसे पहले साल 1995 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले टीवी सीरियल एक से बढ़कर एक में अभिनय किया था. इसके बाद साल 2015 में मराठी फिल्म कत्यार कलजात घुसाली में अभिनय करते हुए दिखाई दिए थे.