दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार फ़ेम एक्ट्रेस ज़ायरा वसीम के धर्म को आधार बनाकर एक्टिंग छोड़ने का फैसला तूल पकड़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद रहे केटीएस तुलसी ने अब इस मसले को ज्यादा तूल न देने की सलाह दी है. केटीएस तुलसी ने कहा कि ‘मुझे लगता है वो डिप्रेशन में हैं और इस हालत में जो भी कहा जा रहा है उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए.’
जायरा वसीम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट लिखकर इस बात की जानकारी दी थी कि वो एक्टिंग छोड़ रही हैं. पांच साल पहले फिल्म इंडस्ट्री में आने का उनका फैसला गलत था और उन्हें अल्लाह के रास्ते से दूर ले जा रहा था.
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शिवसेना और बीजेपी ने जायरा के इस फैसले को दबाव में लिया गया फैसला बताया है. कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुई प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी. ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘अगर आपकी आस्था आपको आकर्षित कर रही है तो आप उसका पालन कर सकते हैं लेकिन धर्म को आधार बनाकर अपने करियर का फैसला न करें. ये आपके धर्म को असहिष्णु दिखाता है जबकि असल में ऐसा नहीं है. यह इस गलत धारणा को बल देता है कि इस्लाम में सहिष्णुता की जगह नहीं है.’
Please practise your faith, if it is your calling, but do not use it to make your religion sound intolerant to career choices, which it clearly isn’t. This actually does a huge disservice to her religion & reinforces the narrative about Islam being intolerant.
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) July 1, 2019
बता दें कि कश्मीर की जायरा वसीम का विरोध पहले भी इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा किया जा चुका है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने जायरा वसीम के फैसले का सम्मान करने की सलाह दी है.
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