जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बच्ची को निशाना बनाने की कोशिश की है. सोपोर के डांगरपुरा में आतंकियों ने ढाई साल की मासूम बच्ची अस्मा समेत चार लोगों पर गोलियां बरसाईं. अस्मा का इलाज दिल्ली के एम्स में होगा. उसे एयर एंबुलेंस से लाया जा रहा है. बाकी सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. पुलिस घटनास्थल पर है और जांच चल रही है.
अनुच्छेद-370 के रद्द होने के बाद कश्मीर की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है मगर यह बात आतंकवादियों व अलगाववादियों को हजम नहीं हो रही है. आतंकवादी लोगों में डर का माहौल पैदा करने के लिए लोगों की हत्याओं का सहारा ले रहे हैं.
बीते दिनों, आतंकवादियों द्वारा त्राल इलाके में दो घुमंतू चरवाहों की हत्या कर दी गई. इसके अलावा श्रीनगर शहर के एक दुकानदार की हत्या और बिजबेहरा क्षेत्र में एक आतंकवादियों के इशारे पर हुए पथराव में ट्रक चालक की मौत हो गई.
जैसे ही घाटी में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई है, जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के पोस्टर उत्तरी और दक्षिण कश्मीर जिलों की स्थानीय मस्जिदों के बाहर कई स्थानों पर दिखाई दिए हैं. पोस्टरों के जरिए दुकानदारों, ट्रांसपोर्टरों और अन्य लोगों को संदेश दिया गया है कि अगर वे सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने का प्रयास करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
कुछ नकाबपोश युवक भी कथित तौर पर श्रीनगर और सोपोर की कुछ मस्जिदों में दिखाई दिए. उन्होंने लोगों को सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू नहीं करने की चेतावनी दी. पहले से उलट, इस बार मस्जिदों का इस्तेमाल भी भावनाएं भड़काने के लिए नहीं हो पा रहा है.
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