नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ाने का विरोध और तेज हो गया है. सोमवार को JNU स्टूडेंट्स इसे लेकर संसद तक मार्च निकाल रहे हैं. हंगामे को देखते हुए JNU से संसद तक कड़ी सुरक्षा है. अकेले JNU में ही एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं. बाहर धारा 144 लगा दी गई है.
JNU में जारी गतिरोध को समाप्त करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जरूरी कदमों की अनुशंसा करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय समिति गठित की. तीन सदस्यीय समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वी.एस. चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन शामिल हैं.
उच्च शिक्षा विभाग के केंद्रीय विश्वविद्यालय ब्यूरो की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, समिति सभी संबद्ध लोगों से वार्ता करेगी और जेएनयू प्रशासन को विवादित मुद्दों के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह देगी.
मंत्रालय के आदेश के अनुसार, “उपरोक्त समिति को तत्काल छात्रों और यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात करने तथा मुद्दों को सुलझाने के लिए जरूरी कदमों की सिफारिश की रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है.”
JNU Protest March Updates
- दिल्ली मेट्रो ने संसद के पास के तीनों मेट्रो स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट खोल दिए हैं. जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के चलते इन स्टेशनों पर एंट्री-एग्जिट रोक दिया गया था.
- JNSU की अध्यक्ष आशी घोष समेत हिरासत में लिए गए कुछ छात्रों को दिल्ली पुलिस ने छोड़ दिया है. वे धरनास्थल पर पहुंच गए हैं. छात्रों ने धरनास्थल पर पहुंचकर एलान किया कि जब तक मांग नही मानी जाएगी, यहां से नही उठेंगे.
- मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने छात्रों के प्रदर्शन पर कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने कई ऐसे छात्र दिए हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में देश का नेतृत्व किया है. यहां अलग-अलग विचारधारा हो सकती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं सही नहीं हैं. हमें ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए और न ही ऐसी जगह पर जाना चाहिए जहां से लौटना मुश्किल हो.
- दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कहा कि हिरासत में लिए गए छात्रों के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने बताया कि छात्रों से बात चल रही है. उनसे हमने कहा है कि कानून को हाथ मे न लें. हमने प्रस्ताव भिजवाया है, MHRD से बात कराने का.
- जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस से उनकी झड़प के कई वीडियो सामने आए हैं. दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने इस मामले में कहा है कि लाठी चार्ज के आरोपों की जांच की जाएगी.
#WATCH Delhi: Clash between Jawaharlal Nehru University (JNU) students and police, earlier today. Delhi Police PRO has said that they will inquire into lathi charge allegations made by JNU students. pic.twitter.com/5yOhuDBvdi
— ANI (@ANI) November 18, 2019
- दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने बताया है कि दिल्ली पुलिस की सलाह के आधार पर उद्योग भवन और पटेल चौक पर मेट्रो रेल नहीं रुक रही हैं. उद्योग भवन, पटेल चौक, लोक कल्याण मार्ग और केंद्रीय सचिवालय के लिए निकास / प्रवेश गेट अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
#UPDATE Delhi Metro Rail Corporation: As advised by Delhi Police, trains are not halting at Lok Kalyan Marg and entry/exit gates of the station have also been closed temporarily. #jnuprotest https://t.co/fpqLBM27Ta
— ANI (@ANI) November 18, 2019
- दिल्ली पुलिस पीआरओ मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि वह छात्रों से उनकी मांगों के बारे में बात करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें मना कर रहे हैं कि वे कानून अपने हाथ में न लें. लाठीचार्ज के आरोप के बारे में, हम इसमें पूछताछ करेंगे.
Mandeep S Randhawa, Delhi Police PRO: We are trying to talk to the students about their demands and convince them to not take law in their hands. Regarding the allegation of laathi charge, we will inquire into it. #jnuprotest pic.twitter.com/iAyXBHMXQu
— ANI (@ANI) November 18, 2019
- दिल्ली पुलिस ने छात्रों से एक डेलिगेशन बनाकर MHRD चलने और बात करने का प्रस्ताव दिया है. जिससे छात्रों ने साफ इनकार कर दिया है. छात्रों ने उनके सामने शर्त रखी है कि पहले जिन छात्रों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें रिहा किया जाए.
कालका जी थाने में हिरासत में लिए गए जेएनयू के छात्र बदरपुर ACP के आफिस में हिरासत में लिए गए छात्र. - जेएनयू स्टूडेंट्स का संसद मार्च दिल्ली पुलिस ने अरबिंदो मार्ग पर रोका. यहां पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कुछ छात्र घायल हो गए. सफदरजंग टॉम्ब के सामने सभी छात्र सड़क पर बैठ गए. INA से तुगलक रोड आने वाला और aiims जाने वाला रास्ता रास्ता बंद.
Delhi: Jawaharlal Nehru University (JNU) students march to Parliament stopped by Police near Safdarjung Tomb. They are demanding complete fee roll back along with other demands. pic.twitter.com/1NikWSWHvJ
— ANI (@ANI) November 18, 2019
- JNU छात्रों का मार्च इस समय सफदरजंग पर है. दिल्ली पुलिस की सलाह पर उद्योग भवन और पटेल चौक मेट्रो स्टेशंस पर ट्रेनें नहीं रुक रही हैं. उद्योग भवन, पटेल चौक और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट के एंट्री/एग्जिट गेट्स बंद कर दिए गए हैं.
- दक्षिण दिल्ली के भाजपा सांसद रमेश विधूडी ने कहा, “जेएनयू मुद्दे को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोग छात्र नहीं हैं, वो ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ गैंग के सदस्य हैं.”
- सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि “सरकार जेएनयू को खत्म करना चाहती है. फीस में जबरदस्त इजाफ़ा कर दिया. सरकार बेटी पढ़ाओ और बचाओ का नारा देती है लेकिन शिक्षा पर ध्यान ही नही दे रही है. जेएनयू के बच्चों की मांग जायज है. अब कमिटी बनाने से क्या होगा?”
- बेरसराय रोड पर पुलिस लाउडस्पीकर के जरिए JNU छात्रों से अपील कर रही है कि वे धारा 144 का उल्लंघन न करें.
- JNU से छात्र निकल चुके हैं. एक जगह बैरिकेडिंग की गई थी लेकिन स्टूडेंट्स उसे पार कर आगे बढ़ चुके हैं. JNU में इस समय करीब एक हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं. इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्सेज की 9 कंपनियों को भी यहां पर मुस्तैद रखा गया है.
Delhi: Jawaharlal Nehru University Students march towards Parliament over their demand of complete fee roll back along with other demands pic.twitter.com/iqdyDCzZQh
— ANI (@ANI) November 18, 2019
- दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को पार्लियामेंट तक नही जाने दिया जाएगा. पार्लियामेंट के आसपास धारा 144 लगी हुई है. सूत्रों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को जेएनयू के आसपास ही 1 किलोमीटर के दायरे में रोकने की प्लानिंग है. हालांकि किस पॉइंट पर रोका जाएगा, ये अभी फाइनल नही किया गया है.
जानकारी के मुताबिक जेएनयू छात्रसंघ बढ़ी फीस के अलावा अन्य मुद्दों पर भी मार्च निकालेगा. छात्रसंघ की ओर से जारी पर्चे में कहा गया है कि फरवरी 2019 के सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक सेकेंड्री और हायर से 94,036 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल नहीं किया गया. सीएजी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 7298 करोड़ रुपये रिसर्च और विकास कार्यों में खर्च होने थे जो नहीं हुए.
छात्रसंघ का दावा है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने पब्लिक फंडेड एजुकेशन के दरवाजे विदेशी और कॉर्पोरेट शिक्षा के लिए बंद कर दिए हैं. क्या इसी वजह से ऐसा हुआ है. 5.7 लाख करोड़ बैड लोन और 4 लाख करोड़ टैक्स रिबेट्स कॉर्पोरेट को दिए गए. लेकिन पब्लिक फंडेड एजुकेशन के लिए कुछ नहीं दिया गया.
इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की घटना के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार को कहा कि छात्रों द्वारा किए गए इस कृत्य की हम कड़ी निंदा करते हैं. प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई है. चीफ प्रॉक्टर ऑफिस की ओर से इसमें सम्मिलित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.