खादी एंड विजेल इंडस्ट्रीज कमीशन (KVIC) की सेल्स में जबर्दस्त इजाफा देखने को मिला है. साल 2018-19 में KVIC की बंपर सेल्स के पीछे पापड़, शहद और कॉस्मेटिक्स का बहुत बड़ा हाथ है. कमीशन की टोटल सेल का सिर्फ 4.3 फीसदी हिस्सा खादी के प्रोडक्ट्स से आया. 2018-19 में KVIC ने सेल्स में 25% से ज्यादा की छलांग लगाई है.
दिलचस्प बात ये है कि खादी कमीशन की सेल्स देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर (HUL) का लगभग दोगुना है. HUL ने साल 2018-19 में 38,000 करोड़ रुपये से थोड़ा कम सेल्स कीं, हालांकि उसके प्रॉफिट में 400% से ज्यादा का उछाल देखने को मिला. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया.
साल 2018-19 में KVIC के रेवन्यू की टॉप 25 लिस्टेड कंपनियों से तुलना की जाए तो भारती एयरटेल के 81,000 करोड़ से उसका रेवन्यू थोड़ा कम है. KVIC चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से मिले पुश, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर एंटरप्राइजेज से पार्टनरशिप्स और एग्रेसिव मार्केटिंग की वजह से वह पिछले पांच साल में अपनी सेल्स डबल करने में कामयाब रहे. साल 2014-15 में KVIC का रेवन्यू 33,135 करोड़ रुपये था.
भारत सरकार द्वारा गठित KVIC एक स्टैच्युटरी बॉडी है. इसे खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन एक्ट, 1956 के जरिए बनाया गया. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाली यह संस्था देश में खादी और ग्रामोद्योग से जुडी सबसे बड़ी संस्था है.
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