देशभर में सुर्खियां बटोरनेवाले प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषी संतोष कुमार सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन हफ्ते का पेरोल दे दिया है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने संतोष को ये राहत दी है. दरअसल संतोष एलएलएम फाइनल ईयर का छात्र है और उसने एग्ज़ाम देने के लिए इस पेरोल की मांग रखी थी. फिलहाल वो उम्रकैद की सज़ा भुगत रहा है. 24 मई से उसकी परीक्षा शुरू होगी जिससे पहले 21 मई को उसे रिहा किया जाएगा.
Delhi High Court grants parole to Santosh Kumar Singh, a convict in Priyadarshini Mattoo rape and murder case, to write his LLM exams.
He is serving life term in the case. Court also asked him to furnish a personal bail bond of Rs 25000 and a like amount surety. pic.twitter.com/Ooln0gev7V— ANI (@ANI) May 14, 2019
जनवरी 1996 में 25 साल की लॉ छात्रा प्रियदर्शिनी के रेप और हत्या का मामला जब सामने आया था तो हंगामा खड़ा हो गया था. वो दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा थी, जहां संतोष उसका बैचमेट था. संतोष पूर्व आईपीएस का बेटा है. 3 दिसंबर 1999 को ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया था लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 अक्टूबर 2006 में फैसला पलटते हुए फांसी की सज़ा सुनाई. अक्टूबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा जहां फांसी को आजीवन कारावास में बदल दिया गया.
संतोष कुमार सिंह के वकील ने अदालत से अपील की थी कि उनके मुवक्किल को एग्ज़ाम और बेटी का जन्मदिन अटेंड करने के लिए चार हफ्तों का पेरोल दिया जाए. जेल प्रशासन से भी इस बारे में अपील की गई थी लेकिन लोकसभा चुनाव को वजह बताते हुए उसे खारिज कर दिया गया.
संतोष ने जेल में अपने अच्छे व्यवहार और पहले मिले पेरोल में कोई गलती ना करने के आधार पर अदालत में अपील की. अदालत ने 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही रकम की जमानत पर पैरोल दे दिया.