छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों की दरियादिली ने एक नई मिसाल कायम कर दी है. सुरक्षाबलों ने घायल पड़े हुए एक खूंखार नक्सली को 12 किलोमीटर तक जंगलों में चलकर हॉस्पिटल तक पहुंचाया है. इस घटना ने लोगों को हैरान तो किया ही है, साथ में सुरक्षाबलों के लिए देशवासियों का सम्मान और भी बढ़ा दिया है.
सर्च ऑपरेशन पर निकले थे जवान
डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुकमा बॉर्डर के पास सर्च ऑपरेशन पर निकले हुए थे. डीआरजी को नागलगुड़ा की पहाड़ियों में जवानों को नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी. इसी दौरान उनकी नजर घायल अवस्था में पड़े एक नक्सली पर पड़ी.
जवान जब घायल अवस्था में पड़े नक्सली के पास पहुंचे तो उसके साथी वहां से भाग गए. घायल नक्सली को इलाज की तुरंत जरूरत थी. जवानों ने पहले तो उसे एक चारपाई पर बैठाया और फिर उसे 12 किलोमीटर तक टांगकर अस्पताल लेकर चल दिए.
Chhattisgarh: District Reserve Guard (DRG) personnel carry injured naxal in a cot in Dantewada for about 12 km to reach hospital. He was found by DRG personnel during a search operation. The naxal is a member of Naxals’ Malangir area committee&had reward of Rs.5 lakhs on his head pic.twitter.com/JRWGBIO6w1
— ANI (@ANI) September 2, 2019
समय पर इलाज मिलने से बची जान
समय पर इलाज मिल जाने से नक्सली की जान बच गई. ये नक्सली पिछले 11 साल से कई भीषण हिंसक गतिविधियों में शामिल रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, घायल नक्सली मालनगिरि क्षेत्र समिति का खास सदस्य था जिस पर 5 लाख रुपये का भारी-भरकम इनाम था.
दिलचस्प बात ये भी है कि नक्सली कुछ दिनों पहले स्पाइक होल बनाते वक्त जवानों के लिए खोदे गए गड्ढे में खुद ही जा गिरा था. इस होल में गड्ढे में लोहे, कांच आदि भरकर ऊपर से सूखे पत्तों और घास से ढक दिया जाता है. इसका इस्तेमाल नक्सली आईईडी लगाने के लिए भी करते हैं.
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